Real Estate: नोएडा में ताबड़तोड़ दिवालिया हो रहे बिल्डर्स, आपके अपने घर के सपने का क्या होगा?
Real Estate News: साल 2014 में बुक किए गए घर की डिलीवरी के लिए हजारों लोगों को अब भी इंतजार करना पड़ रहा है. सिंह पिछले 8 साल से किराए पर रह रहे हैं और होम लोन लेकर घर खरीदने की वजह से उन्हें इसकी EMI भी चुकानी पड़ रही है.
नई दिल्ली Real Estate Latest news updates: अगर आप भी दिल्ली एनसीआर में रहते हैं और अपने सपनों का घर खरीदने के लिए नोएडा, गाजियाबाद या गुरुग्राम में किसी बिल्डर के प्रोजेक्ट में निवेश किया हुआ है तो आपके लिए यह खबर परेशान करने वाली साबित हो सकती है.
45 साल के राकेश सिंह ने पिछले 8 साल में एक बिल्डर को एक करोड़ रुपया चुका दिया है. साल 2014 में बुक किए गए घर की डिलीवरी के लिए अब भी उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है. सिंह पिछले 8 साल से किराए पर रह रहे हैं और होम लोन लेकर घर खरीदने की वजह से उन्हें इसकी EMI भी चुकानी पड़ रही है. इस तरीके से नोएडा में लाखों होम बायर पर किराए, होम लोन की ईएमआई और अपना घर नहीं मिल पाने का दर्द, तीन परेशानी एक साथ आ रही हैं.
सिंह ने कहा, “मैंने अपने रहने के लिए एक बिल्डर के प्रोजेक्ट में घर खरीदा था. यह निवेश नहीं था. साल 2014 में बुक किए गए इस फ्लैट की डिलीवरी 2016 में होनी थी, पर अब टीके उसका कोई अता-पता नहीं है.”
घर खरीदने वाले लोगों की सूची में रिटायर्ड सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्हें सरकारी क्वार्टर छोड़ने के बाद अपने घर की तलाश थी. बहुत से लोगों ने रिटायरमेंट फंड का इस्तेमाल कर घर खरीदने की कोशिश की. कई बुजुर्गों की घर मिलने से पहले ही डेथ हो गई.
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देश की राजधानी दिल्ली के आसपास के इलाकों में घर खरीदने वाले लाखों लोगों की यही दास्तान है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गाजियाबाद, गुड़गांव, कुंडली जैसे इलाकों में बहुत से रियल एस्टेट डेवलपर ने लोगों को अपने घर का सपना दिखाकर उससे बुकिंग के साथ होम लोन की रकम भी ले ली. अब यह बिल्डर दिवालिया होने की कगार पर खड़े हो गए हैं.
बहुत से बिल्डर अपने ग्राहकों को घर का ऑफर करने की स्थिति में नहीं हैं. कभी भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी का पोस्टर बॉय बने नोएडा में पिछले कुछ समय से बिल्डर की समस्या बढ़ रही है और वे लगातार दिवालिया होने की तरफ बढ़ रहे हैं.
नोएडा के ला रेजिडेंशिया नाम का एक बिल्डर दिवालियापन की कतार में खड़ा हो गया है. अप्रैल 2022 में नोएडा के लॉजिक्स सिटी डेवलपर्स नाम के एक बिल्डर को भी दिवालियापन का शिकार होना पड़ा था. एक रिपोर्ट के मुताबिक रियल एस्टेट सेक्टर में दिवालियापन के लिए पहुंचे केस के मामले में सिर्फ 4 फ़ीसदी का ही सही तरीके से निपटारा हो पाता है.
सितंबर 2021 तक आईबीसी में 223 केस पहुंचे थे जिनमें से सिर्फ नौ का निपटारा हो पाया है. आईबीसी में पहुंचे 223 केस में से 20 फ़ीसदी केस नोएडा इलाके के हैं. रियल एस्टेट सेक्टर में दिवालियापन के लिए पहुंचे मामलों में से करीब 13 फ़ीसदी के लिए रिजोल्यूशन प्लान बनाया जा रहा है.
Source – Economictimes
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